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Beats Herbal Tea Benefits, Ingredients and How to Make

बीट्स हर्बल टी

बीट्स हर्बल टी में ऐसे तत्व होते हैं जिन में कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यह दिल को सभी तरह के रोगों से बचाते हैं। इन जड़ी-बूटियाँ में विशेष रूप से अर्जुन हृदय की मांसपेशियों पर कार्य करती हैं और इसे शक्ति प्रदान करती हैं। यह हृदय की मांसपेशियों की पंपिंग क्षमता को बढ़ाता है। पुनर्नवा और यष्टिमधु जैसी अन्य सामग्री के साथ, यह रक्त वाहिकाओं में होने वाली शोथ और सूजन को भी कम करता है। यह क्रिया रक्त वाहिकाओं चर्बी और अन्य पदार्थो का  संचय होने से रोकता है। इसलिए यह हृदय रोगों के होने की परक्रिया को रोक देता है।

इसके अलावा, इसमें लिपिड को कम करने के भी गुण होते है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है। तो, यह डिस्लिपिडेमिया में इस्तेमाल किया जा सकता है। दोनों क्रियाएं एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) की रोकथाम और उपचार में उपयोगी हैं।

अर्जुन

अर्जुन आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाली सबसे शक्तिशाली कार्डियोप्रोटेक्टिव जड़ी बूटी है। यह हृदय की मांसपेशियों के ejection capacity में सुधार करता है। यह दिल को ताकत देता है और मजबूत करता है। यह दिल को फैल होने से रोकता है और इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी को भी रोकता है।

यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है। इसलिए, यह डिस्लिपिडेमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस के उपचार के लिए सबसे अच्छा है।

यह रक्त वाहिकाओं में होने वाली शोथ और सूजन को भी कम करता है। जो रक्त वाहिकाओं में पट्टिका निर्माण (plague formation) को रोकने में मदद करता है। इस तरह यह क्लॉट (clot) के गठन को रोकने में मदद करता है। हालांकि, रोगी को ऐसी दवाओं की भी आवश्यकता होती है जो पहले से गठित क्लॉट (clot) को तोड़े और कम करे। इस काम के लिए यह पुनर्नवा, तेजपत्ता, कुलंजन, तुलसी और नागरमोथा है। यह सभ घटक द्रव्य बीट्स हर्बल टी में मंजूद है और सहक्रियात्मक प्रभाव के कारण लगभग हर हृदय रोग को रोकते हैं।

पुनर्नवा

पुनर्नवा एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेद में कायाकल्प चिकित्सा में किया जाता है। माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन (mitochondrial function) पर इसके सकारात्मक प्रभाव के कारण हृदय पर एक सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है। माइटोकॉन्ड्रियल डिस्फंक्शन (mitochondrial function)  कार्डियक हाइपरट्रॉफी (cardiac hypertrophy) और दिल की विफलता (heart failure) के लिए जिम्मेदार है। पुनर्नवा में एंटीऑक्सिडेंट (antioxidant) क्रिया भी होती है, जो हृदय स्वास्थ्य का रक्षण करने मेंम मदद करती है।

दालचीनी

दालचीनी ट्राइग्लिसराइड, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और कुल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह शरीर में ग्लूकोज चयापचय को भी नियंत्रित करता है। इसके अलावा, इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट क्रिया भी होती है। यह शरीर में चयापचय को भी उत्तेजित करता है। बीट हर्बल चाय में दालचीनी कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में आपकी मदद कर सकती है। यह आगे चल कर एथेरोस्क्लेरोसिस और उच्च रक्तचाप को रोकने में मदद करता है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं, तो हृदय रोगों की रोकथाम में हर्बल चाय पीना सबसे उपयोगी है।

सौंफ

सौंफ को आयुर्वेद में पाचक माना गया है। यह पाचन में सुधार करता है और पेट में एसिड स्राव को संतुलित करता है। यह लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार करता है और उच्च कोलेस्ट्रॉल को रोकता है। इसकी एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण, यह एक कार्डियोप्रोटेक्टिव (cardioprotective) जड़ी बूटी भी है।

यष्टिमधु

यष्टिमधु में हल्की शीतल क्रिया होती है। यह धड़कन और बेचैनी को कम करता है। यह पेट में एसिड उत्पादन को नियंत्रित करता है और हाइपरसिटी को रोकता है। कम खुराक में, यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

तेजपत्ता

तेजपत्ता चयापचय क्रिया पर काम करता है। यह चयापचय क्रिया को सही करता है, पाचन तंत्र में विषाक्त पदार्थों के निर्माण को रोकता है। हृदय स्वास्थ्य के मामले में, यह दालचीनी के समान लाभ पहुचाता हैं।

हरी इलायची

इलाची इम्युनोमोड्यूलेटर (immunomodulator) जड़ी बूटी है। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति में सुधार करता है और श्वसन प्रणाली के संक्रमण को रोकता है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण भी होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल कम करता है और दिल को मजबूत करता है। यह हृदय रोगों से जुड़े कई लक्षण और बेचैनी की रोकथाम और उपचार में सबसे उपयोगी है।

बड़ी इलायची

हरी इलायची की तरह बादी इलाइची के भी समान प्रभाव हैं।

कुलंजन

कुलंजन रक्तचाप को सामान्य करता है। यह कम मात्रा में उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में सबसे उपयोगी है। इसलिय बीट्स हर्बल चाय उच्च रक्तचाप में भी बहुत फायदेमंद हैं। यह आवाज में भी सुधार करता है। गले में खराश को रोकता है और बोलने की शक्ति को बढ़ाता है। दिल के मामले में, यह कोलेस्ट्रॉल कम करता है और रक्त वाहिकाओं को सख्त होने से रोकता है।

तुलसी

तुलसी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है और संक्रमण को रोकता है। आयुर्वेद में, यह महत्वपूर्ण एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटियों में से एक है। तुलसी विभिन्न पर्यावरण प्रदूषकों से ऑक्सीडेटिव क्षति, रासायनिक तनाव के खिलाफ सभी अंगों और ऊतकों की रक्षा करती है। यह रक्तचाप को कम करके, लिपिड के स्तर को कम करके और रक्त शर्करा को सामान्य करके चयापचय तनाव को कम करता है। यह चिंताजनक और अवसाद रोधी क्रियाओं को भी बढ़ावा देता है, जो मनोवैज्ञानिक तनाव को रोकने में मदद करता है। तो, अंततः, यह तनाव से जुड़े रक्तचाप को सामान्य करता है, संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार करता है और याददाश्त बढ़ाता है।

नागरमोथा

जिगर के कार्यों में सुधार के लिए नागरमोथा एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी है। यह यकृत, वसायुक्त यकृत रोग (fatty liver disease) और यकृत के वायरल संक्रमण में उपयोगी है। यह पाचन में सुधार करता है और भोजन से विषाक्त पदार्थों के निर्माण को कम करता है।

नागरमोथा भी एक एंटीऑक्सिडेंट और मधुमेह विरोधी जड़ी बूटी है। यह शरीर में शोथ और सूजन को कम करता है और हृदय को रक्त की आपूर्ति में सुधार करता है। इसका एक कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभाव भी है, जो स्वस्थ व्यक्तियों में myocardial infarction को रोकने में मदद करता है और हृदय रोगियों में हृदय की मांसपेशियों को होने वाले नुकसान को रोकता है।

गुलाब

गुलाब के फूल ऊतकों (tissues) का पोषण करते हैं। पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को बहार निकालने में मदद करता है। यह पेट में एसिड स्राव और जिगर में पित्त स्राव को संतुलित करके चयापचय क्रिया (metabolism) को भी नियंत्रित करता है। यह आंतों को साफ करता है और आंतों की दीवारों से चिपके हुए जमे हुए और संचित मल को हटाता है। यह सभी रोगों की जड़ों पर कार्य करता है यानी पाचन तंत्र और चयापचय को ठीक करता है। इसमें पित्त शांत करने वाले गुण भी होते हैं, जो दिल की बीमारियों से जुड़ी पैल्पिटेशन (palpitation) अर्थात धड़कन बढना और बेचैनी को कम करने में मदद करता है।

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Dr. Jagdev Singh

Dr. Jagdev Singh is a qualified Ayurvedic Practitioner and Herbalist with B.A.M.S. and M. Sc. in Medicinal Plants. He has a wealth of experience in using Ayurveda to treat patients, including the use of herbal medicine and personalized Ayurvedic diets. His passion for spreading accurate and scientific information about Ayurveda and Medicinal Plants led him to create Ayur Times, a trusted resource for those seeking reliable information on the topic. Through his dedicated work, Dr. Singh has helped thousands of patients find relief and improve their health with Ayurveda and Herbal Medicine.

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